स्वरूप पुरी/सुनील पाल
बीते माह राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में घटित एक हादसे में मारे गए चार वन शहीदो को अब तक सम्मान न दिए जाने से वन कर्मियों में मायूसी है। इस गंभीर प्रकरण पर वन बीट अधिकारी संघ व सहायक वन कर्मचारी संघ के जागरूक पदाधिकारियों व कुछ वन कर्मियों ने हरिद्धार स्थित वन कुटीर में अहम बैठक की। बैठक में पिछले माह चीला में हुए हादसे को लेकर गंभीर मन्त्रणा की गई। इस मौके पर उच्च अधिकारियो द्वारा अब तक अपनाए जा रहे ढीले रवैये पर आक्रोश भी व्यक्त किया गया। वन्ही बैठक में में कुछ कर्मचारियों के निजी प्रकरणों के साथ चीला हादसे को लेकर गम्भीर मंथन किया गया। दोनों संघठनो ने संयुक्त विचार विमर्श के बाद एक प्रस्ताव भी तैयार किया है। इस प्रस्ताव के तहत शहीदो को लेकर उनके नामो को अमर रखने की सौगंध ली गयी। प्रस्ताव में चंडी-चीला-गोहरी मार्ग का नाम वन शहीद वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी के नाम पर किया जाए। इसके साथ ही चीला सफारी पर्यटन गेट को वन शहीद प्रमोद ध्यानी के नाम पर किया जाए। वन्ही चीला भवन को वन शहीद शैलेश घिल्डियाल और हाथी खाने के नाम को वन शहीद सैफू के नाम पर किया जाए। इस मौके पर मौजूद दोनों संघठनो के पदाधिकारियों ने उम्मीद की की उनकी इन मांगों पर जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा। अगर अधिकारी उनकी इन मांगों पर जल्द फैसला करते है तो ये वन कर्मियों के मनोबल व उत्साह को बढ़ाने का कार्य करेगा।
शहीदो की शहादत से आहत जागरूक वनकर्मी पँहुचे बैठक में, अध्यक्ष व सचिव के तमाम प्रयासों के बाद भी कईयों ने संघठन की इस बैठक से किया किनारा
बीते एक सप्ताह पूर्व राजाजी टाइगर रिजर्व में मौजूद संघठन से जुड़े पदाधिकारियों ने इस गंभीर प्रकरण पर बैठक का ऐलान किया था । इसको लेकर सभी लोगो को पत्र भी जारी किया गया था। मगर बैठक के दौरान दोनों संघठनो से जुड़े लोग, जो इस घटना से गमगीन थे वे ही बैठक में पँहुचे। इतने गम्भीर प्रकरण में अन्य लोगो का न पहुँचना इन संघठनो से जुड़े सदस्यों पर भी सवालिया निशान लगाता है। आखिर ऐसी को सी मजबूरी थी ,जो अन्य लोग इस महत्वपूर्ण प्रकरण पर अपने दैनिक हितों को दरकिनार नही कर पाए। वन्ही अगर ऐसा है तो राजाजी में मौजूद संघठनो का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। दोनों संघठनो को इस महत्वपूर्ण प्रकरण पर आयोजित बैठक में न पंहुचने वाले सदस्यों के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर मिसाल पेश करनी चाहिए।
“चीला हादसे के वन शहीदो को लेकर इस महत्वपूर्ण आपात बैठक का आयोजन किया गया, सभी वन शहीदो को उचित सम्मान मिले इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर उच्च स्तर पर कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित कर दिया है। “
मनोज चौहान, अध्यक्ष, सहायक वन कर्मचारी संघ, राजाजी ।
“चीला हादसे को लेकर बहुत महत्वपूर्ण बैठक थी, प्रस्ताव पास कर शहीदो को सम्मान देने का पुरजोर प्रयास किया गया है, बैठक में कम सदस्यों का पंहुचना गंभीर व सोचनीय विषय है।”
रमेश कोठियाल, वरिष्ठ सलाहकार, सहायक वन कर्मचारी संघ ,राजाजी।
“गम्भीर प्रकरण पर आयोजित बैठक में संघठन सदस्यों का न आना सोचनीय विषय है, संगठन द्वारा ऐसे सदस्यों पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए।”
हरपाल गुसाईं, संरक्षक, सहायक वन कर्मचारी संघ राजाजी।