Home उत्तराखंड अब गैरसैण कभी नहीं जाएंगे हरीश रावत, दिया बडा सियासी संकेत

अब गैरसैण कभी नहीं जाएंगे हरीश रावत, दिया बडा सियासी संकेत

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गिरीश खडायत, दिल्ली 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जो सियासी लिहाज से कई संकेत दे रही हैं। हरीश रावत ने गैरसैंण समेत कुछ एसी जगहों के नाम बताए हैं जहां अब वो कभी नहीं जाना चाहते, हरदा ने इसकी वजह भी बताई है। साथ ही हरीश रावत ने कुछ एसी जगहों के भी नाम बताए हैं जहां वो आखिरी बार जाना चाहते हैं। उत्तराखंड की राजनीति के लिहाज से हरीश रावत के इस ऐलान के बहुत गंभीर मायने हैं। सवाल ये है कि क्या आलाकमान ने हरीश रावत को अब घर बैठने का संकेत दे दिया है? सवाल ये भी है कि क्या हरीश रावत सियासी संन्यास का मन बना चुके हैं? क्या 2024 से पहले ही हरीश रावत चुनावी राजनीति से भी अलग हो जाएंगे? क्या कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत को कुछ ऐसा कह दिया है कि जिसका असर हरदा की सियासी हसरतों पर पड़ सकता है? सवाल कई हैं लेकिन हरदा के मन में क्या चल रहा है ये समझ पाना जरा मुश्किल है। हरीश रावत ने स्टिंग मामले में सीबीआई जांच के बहाने कई सवाल उठाए हैं और कई संकेत दिए हैं। हरीश रावत ने कहा है #CBI मेरी #Voice (आवाज) टेस्ट करेगी, क्या आपको हंसी नहीं आती ?? दो बार मुझसे घंटों बातचीत कर चुके हैं उसकी रिकॉर्डिंग है! कहां मेरा आवाज का वीडियो उपलब्ध नहीं है ? मगर प्रश्न आवाज के परीक्षण का नहीं है, आवाज को दबाने का है !! और ये तब आवाज को दबाने की तरफ बढ़ रहे हैं, जब अपनी धन शक्ति और शारीरिक शक्ति की बाध्यता के कारण मैं, #गैरसैंण_भराड़ीसैंण को अंतिम बार नमन कर आया हूं और #अल्मोड़ा को भी क्योंकि वहां अच्छा नेतृत्व खड़ा है, उसको भी प्रणाम कर आया हूं। लेकिन मैं एक-एक बार #पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर जाऊंगा, क्योंकि वहां भी कुछ पौधें मैंने #राजनीति में रोपे हैं उस धरती को भी अंतिम बार प्रणाम करूंगा। नैनीताल-उधमसिंहनगर के लोगों का मैं कभी विश्वास नहीं जीत पाया। लेकिन उसके बावजूद जो है वहां भी राजनीति में जिन लोगों को लाकर के मैंने खड़ा किया, वो आज भी पार्टी की सेवा में सन्नत भाव से संघर्षरत हैं, कुछ को दूसरी पार्टियों से भी लाया, बड़ी उलाहना आज भी पार्टी की सहन करनी पड़ती है, मगर वह लोग पार्टी के लिए सशक्त हैं। हां, एक बार मेरी भावना जरूर है कि मैं #जोशीमठ जाऊं, वहां के संघर्षशील लोगों के साथ एक रात मैं और बिताना चाहता हूं, और वह भी जिस समय वहां भंयकर बारिश हो रही हो उस समय बिताना चाहता हूं, इच्छा है। #हरिद्वार के प्रति हां मैं कर्मशील भी हूं, सहनशील भी हूं क्योंकि उन्होंने अभी-अभी कुछ दिन पहले जब घर-गांव के लोगों ने मुझको #लालकुआं में नकार दिया तो उन्होंने मेरी बेटी को चुनाव जिताया है, तो हरिद्वार की जनता के दुःख-दर्द में मैं जरूर सम्मिलित हूंगा, तो ऐसे समय में मेरी #आवाज को दबाना चाहती है सीबीआई, सत्ता !! मगर इतना याद रखें जितना दबाएंगे #HarishRawat उतना ही मुखर होगा, क्योंकि मैं एक सत्य को जीवन में मानकर के चलता हूं और अपने नौजवानों से भी कहना चाहता हूं कि #विश्वास वह शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया को भी बसाया जा सकता है, कांग्रेस तो एक हरी-भरी धरती है सिर्फ संघर्ष करिए, संघर्ष ही ये लोकतंत्र की आवाज को दबाने वालों का उत्तर है।

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