स्वरुप पुरी /सुनील पाल
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष दीपक मेहरा ने गुरूवार को वन कर्मियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओ को सुना, मोतीचूर फारेस्ट रेस्ट हाउस मे उन्होंने सभी समस्याओ को सुना। दीपक मेहरा इन दिनों वाटर कंजरवेसन वर्क, मानव वन्यजीव संघर्ष,फारेस्ट फायर प्रोटेक्शन व हरेला के तहत हुए कार्यों को लेकर विभिन्न वन प्रभागो के दौरे पर है। बैठक मे वन कर्मियों से कई सुझाव भी मांगे गए।
खस्ताहाल चौकियो का हो सुधारिकरण, असलहो की मरम्मत भी जरूरी
राज्य वन महकमे के विभिन्न प्रभागो की बात करे तो अधिकतर स्थानों मे बनी वन चौकिया खस्ताहाल है। सीलन व काफी समय से मरमत्त न होने के चलते वन कर्मी मजबूरी मे यंहा रहने को मजबूर है। वंही वन कर्मियों को अलॉट अधिकतर असलहे भी खस्ताहाल है। इसके साथ ही ड्रेस कोड को लेकर भी समस्याए आ रही है। इन्ही समस्याओ को लेकर सुझाव एकत्र किए गए है। उम्मीद है की जल्द ही इन समस्याओ का निस्तारण सरकार द्वारा किया जा सकेगा।
“यह बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक थी, बैठक मे जल संरक्षण, मानव वन्यजीव संघर्ष, फायर प्रोटेक्शन व हरेला से संबंधित विषयो पर गंभीर मंथन किया गया, इसके साथ ही वन कर्मियों से जुडी समस्याओ से संबंधित सुझाव भी मांगे गए, वंही वन कर्मियों को सेवकाल मे दर्ज किए गए वन अपराधो की पैरवी हेतु शासकीय अधिवक्ता उपलब्ध करवाए जाते है, जबकि सेवनिवर्त अधिकारी, कर्मचारियो को विभागीय पैरवी हेतु शासकीय अधिवक्ता उपलब्ध नहीं करवाए जाते है, इसके निवारण का आश्वासन राज्य मंत्री द्वारा दिया गया है।”
महेश सेमवाल, वन क्षेत्रधिकारी, मोतीचूर रेंज राजाजी।
“मेरे द्वारा विभिन्न वन प्रभागो का भर्मण कर वंहा की समस्याओ को सुना व सुझाव लिए जा रहे है, जल्द ही वन कर्मियों की सभी समस्याओ से मुख्यमंत्री को अवगत कर उसके निवारण का प्रयास किया जाएगा।”
दीपक मेहरा, उपाध्यक्ष, वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति, राज्य सरकार।