स्वरुप पुरी /सुनील पाल
राज्य के वन महकमे मे आज एक हमले का प्रकरण दिन भर चर्चा मे बना रहा। देहरादून वन प्रभाग की बड़कोट व ऋषिकेश रेंज के मिलान पर स्थित जंगल मे गोलाटप्पड़ बीट के पास एक युवक का छत विछत अवस्था मे शव मिला। सूत्रों की माने तो कुछ युवक जंगल मे पत्ते लेने गये थे, उसी दौरान एक युवक पर बाघ ने हमला कर दिया। जिससे युवक की मौक़े पर ही मौत हो गयी। युवक हरिद्वार के ब्राह्मपुरी का रहने वाला बताया जा रहा है। यह सूचना जब बाहर आयी, तो वन महकमे मे हड़कंप मच गया। वहीं कुछ दिनों पूर्व राजाजी मे ट्रांसलोकेट किए गए बाघ को भी इस छेत्र मे देखा गया था। अब सवाल यह है की युवक को बाघ ने मारा या फिर गुलदार ने इस पर वन महकमे की चर्चा जारी है। चर्चा जरूरी भी है, क्यूंकि एक युवक की मौत हुई है। आख़िरकार बिना अनुमति के ये युवक जंगल मे क्या कर रहे थे। गौरतलब है की इस सम्पूर्ण छेत्र मे पत्ते लेने के लिए हर रोज लोग जंगलो के भीतर अवैध तरीके से प्रवेश करते है मगर महकमा कोई भी कारवाही नहीं करता क्या वन महकमे को इन घटनाओ का इन्तजार रहता है।
शिकारी बाघ या गुलदार, क्या सच्चाई से जवाब देगा वन महकमा
इस घटना को राजाजी के T- 8 बाघ से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। कॉर्बेट से ट्रांसलोकेट किए जाने के बाद ही यह चर्चा मे बना हुआ है। इस माह की शुरुआत मे ज़ब इसे लाया गया था तब से ही यह यहां मूवमेंट कर रहा है। और साथ ही यह नरेंद्रनगर के नीर गड्डू तक फेरा लगा आया। आज की घटना के बाद चर्चा है की इसी ने इस घटना को अंजाम दिया। वहीं स्थानीय लोग भी दहशत मे है। घटना के बाद मोतीचूर रेंज की टीम भी मौक़े पर पंहुंची, मगर समय समय पर निर्देश जारी करने वाले उच्च कोटि के अफसरों का गैरमौजदूगी भी चर्चा मे बनी हुई है। सवाल गंभीर है, एक युवक की मौत हुई है, दोषी क्या वो वन कर्मी है जो कच्चे लालच मे इन लोगो को जंगल मे जाने देते है। वहीं जवाब देहरादून वन प्रभाग के साथ राजाजी के उच्चकोटी पद मे विराजमान अफसरों को भी देना होगा की यह बाघ था या गुलदार।