शहीदों के सम्मान में देरी, घोषणा के बाद भी अब तक वन महकमे के दावे अधूरे ,वन कर्मियों में मायूसी

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    स्वरूप पुरी/सुनील पाल

    राजाजी टाइगर रिजर्व में बीते माह चीला में वाहन ट्रायल के दौरान हुए हादसे में मारे गए तीन जाबाज अफसर अब महज यादों में ही रह गए है। इस हादसे के बाद वन महकमे के उच्च अफसरों व वन मंत्री ने इनकी यादों को संजोने की घोषणा की थी। मगर उस घोषणा पर अब तक क्या कार्य हुआ, यह किसी को पता नही। गौरतलब है कि इस हादसे में शहीद हुए युवा जाबांज अफसर हर किसी के प्रिय थे। कर्तव्यनिष्ठ वनकर्मियों के ये चहेते थे। स्थानीय लोगो के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्य करने की इनमें भरपूर छमता थी। इनकी काबलियत को देखते हुए उच्चाधिकारी हर महत्वपूर्ण कार्य का जिम्मा इन्हें ही सौपते थे। इसके साथ ही अपने कार्यो के प्रति लापरवाह व भ्रष्ट कर्मियों में इनका ख़ौफ़ भी था। अचानक हुए इस हादसे ने सम्पूर्ण वन महकमे के साथ ही प्रदेश के सभी लोगो को सकते में डाल दिया।

    आलोकि,शैलेश,प्रमोद ,सैफू कौन है तुम्हारी शहादत का गुनहगार

    इस घटना के बाद एक ओर जंहा इस हादसे की जांच जारी है, तो वन्ही दूसरी ओर कुछ सवाल ऐसे है जो अब भी स्थानीय लोगो व वन कर्मियों को परेशान कर रहे है। आखिर वो कोन था जिसने इस वाहन के ट्रायल की परमिशन दी। जब यह वाहन ट्रायल की श्रेणी में था तो उसमें प्रदेश के वन मंत्री सहित अन्य अधिकारियों को बैठाना क्या उचित था। इन लोगो ने भी इसका ट्रायल लिया था। क्या तब प्रदेश के वन मंत्री व अधिकारी सुरक्षित थे। घटना वाले दिन जब सभी अफसर इसका ट्रायल ले कर जा चुके थे, तो किसके कहने पर इसका सड़क पर ट्रायल लिया गया। अगर इस सम्पूर्ण मामले में विशेष जांच हो तो कइयों की गर्दन नपनी तय है।

    वन शहीद के दर्जे के साथ बने स्मारक, सफारी मार्गो के नाम भी चर्चा में

    इस प्रकरण पर पार्क के कर्मचारी संघटन भी गम्भीर मंथन कर रहे है। उनका कहना है कि यह घटना बेहद ही दुखद थी। घटना के वक्त जो घोषणाए की गई थी उन्हें जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही यंहा मौजूद सफारी मार्गो व हाथी खाना का नाम इन सहीदो के नाम पर किया जाना चाहिए। संघटन जल्द ही इस गंभीर प्रकरण पर उच्चस्तर पर वार्ता करेगा। 

    “चीला हादसा एक बेहद ही दुखद घटना थी, हमारे द्वारा इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है, साथ ही पार्क के सफारी मार्ग के नाम, इस हादसे में शहादत देने वाले शहीदो के नाम पर किये जायें इसको लेकर संगठन प्रस्ताव तैयार कर उच्चस्तर पर कार्यवाही हेतु भेजेगा।”

    मनोज चौहान, अध्यक्ष, सहायक वन कर्मचारी संघ, राजाजी।

    “इस गम्भीर प्रकरण पर ऑल इंडिया फारेस्ट ऑफिसर एससोसिएसन के राष्ट्रीय महासचिव कमल यादव से वार्ता हुई है, संगठन के माध्यम से इस घटना में शहीद हुए जाबांजो को राष्ट्रीय वन शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है,जिस पर राष्ट्रीय सचिव द्वारा सहमति व्यक्त की गई है।”

    एसपी जखमोला, पूर्व अध्यक्ष, सहायक वन कर्मचारी संघ ,राजाजी।

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