स्वरुप पुरी /सुनील पाल
राज्य के अधिकतर जिले वन क्षेत्रों से अच्छादित है। अगर मैदानो की अपेक्षा पार्वतीय छेत्रो की बात करे तो वन कर्मियों के लिए मानव वन्यजीव संघर्ष हमेशा से चुनौती रहा है। नरेंद्र नगर वन प्रभाग की माणिक नाथ रेंज भौगोलिक दृस्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है। मगर साथ ही समय समय पर मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने मे वनकर्मियों ने अहम भूमिकाए भी निभाई है। धरातल पर हो रहे कार्यों को लेकर मंगलवार को नरेंद्र नगर वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन दगड़े व एसडीओ देवप्रयाग अनिल पैन्यूली ने माणिक नाथ रेंज का निरीक्षण किया। वहीं इस अवसर पर आरआरटी टीम के साथ वन कर्मियों ने मोकड्रिल भी किया।
गुलदार प्रभावित महड़, किमखोला सहित कई गाँवों का किया भृमण, विशेष निगरानी के दिए आदेश
मोकड्रिल के बाद अधिकारियों ने गुलदार प्रभावित कई ग्रामो का भ्रमण भी किया। अधिकारियों ने यहां के महड़, किमखोला,आमड़ी, पलेठी, गडाकोट व मूल्यांगाँव मे रेंज स्तर द्वारा करा जा रहे कार्यों का अवलोकन करने के साथ ही ग्रामीणों से वार्ता भी की। गौरतलब है की इन छेत्रो मे गुलदार एक बड़ा संकट बन सामने आया है। अधिकारियों ने मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने को लेकर किए जा रहे कार्यों को लेकर भी ग्रामीणों से चर्चा की। वहीं मुल्या गाँव स्तिथ पतंजलि के गुरुकुलम छेत्र मे भी निरीक्षण किया। इस छेत्र मे पिछले काफी समय से गुलदार की आमद बनी हुई है. निरीक्षण के दौरान माणिकनाथ रेंज के वन क्षेत्रधिकारी मदन सिँह रावत, सुखदेव प्रसाद बडोनी, संजय रौथान , सुरेश चंद्र पैनुली व आर आर टी टीम के सदस्य मौजूद रहे।
“दीपावली को देखते हुए रैपिड रिस्पांस टीम के साथ विशेष मोकड्रिल की गयी, गुलदार प्रभावित छेत्रो का निरीक्षण कर सभी वन कर्मियों को पेट्रोलिंग से संबंधित आवशयक दिशा निर्देश दिए गए, निरिक्षण के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने को लिए जा रहे सभी कार्य संतुस्ट पाए गए “।
अनिल पैन्यूली, उप प्रभागीय वनाधिकारी, देवप्रयाग, नरेंद्र नगर वन प्रभाग।
“छेत्र मे हमरे द्वारा निरन्तर गस्त की जाती है, कई स्थान गुलदार प्रभावित होने के चलते बेहद ही संवेदनशील है, इन छेत्रो मे कैमरा ट्रैप लगाने के साथ ही आधुनिक उपकरणो से लैस वन कर्मी निरंतर सघन निगरानी हेतु तैनात किए गए है।”
मदन सिंह रावत, वन क्षेत्रधिकारी, माणिकनाथ रेंज, नरेंद्र नगर वन प्रभाग।