स्वरुप पुरी /सुनील पाल
राज्य वन महकमे मे आज दिन भर रोजी, रोजी नाम चलता रहा। आखिर रोजी है भी ऐसी जो कोई उससे मिलता है उसका दीवाना हो जाता है। दिखने मे बेहद ही हसीन यह ज़ब सड़क पर निकलती है, तो एक पल सबकी निगाहे इस पर टिक जाती है। रोजी जितनी प्यारी है, उतनी ही खतरनाक भी। जंगलो की रखवाली तो इससे बेहतर कोई भी नहीं कर सकता। मगर यह खूबसूरत, खतरनाक रोजी गुरूवार दिन भर से गायब है। इसके गायब होते ही कइयों के हलक सूख गए। आखिर सूखे क्यों नहीं, भाई रोजी तो थी ही ऐसी। हाल ही में बीमार व बूढ़ी हो चुकी रानी की सहयोगी यह बनी थी। मगर अब यह गायब है। जी हाँ, हम बात कर रहे है स्निफ़र, बेल्ज़ियन शेफर्ड डॉग रोजी की । राजाजी मे घुसने वाले अपराधियों, शिकारियों पर नकेल कसने को इसे पार्क की चीला रेंज लाया गया था वहीं से यह गायब हो गयी।
दिन भर हुई रोजी की तलाश, शाम तक नतीजा जीरो, कौन करेगा कार्यवाही
रोजी के गायब हो जाने के बाद देर शाम तक उसकी तलाश होती रही। सबसे बड़ा सवाल है की आखिर ऐसे क्या हुआ जो यह नजरो से ओझल हो गयी। चीला गेट की बात करे तो दिन भर यहां वन कर्मियों का जमावड़ा लगा रहता है। बेचारे दिन भर वाहनो से राजस्व वसूली मे जुटे रहते है। वहीं सूत्रों की माने तो रोजी को भी दैनिक दिनचर्या के लिए यहां पर लाया गया था। उसी दौरान खतरनाक रोजी डॉन की तरह सबकी नजरो से ओझल हो गयी। भूखी प्यासी रोजी कंहा होंगी, इसका जवाब कौन देगा. क्या गेट मे पर्ची काट रहे लोगो ने भी इसका संज्ञान नहीं लिया। बेचारे पर्ची काटने व राजस्व वसूली मे इतने मस्त थे की उन्हें पता ही नहीं चला, की कब रोजी भाग गयी।
“गुरुवार सुबह यह कैम्पस से गायब हुई है, इसको ढूढ़ने के लिए टीम लगा दी गई है, इस पूरे मामले को लेकर एसडीओ को जाँच के आदेश भी दिए गए है, अगर किसी भी कर्मी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कारवाही की जाएगी।”
कोको रोजे, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व।