स्वरूप पुरी/सुनील पाल
हरिद्वार – राजाजी टाइगर रिजर्व में आज एक बार फिर एक गुलदार की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। घटना राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में घटी। हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग पर सत्यनारायण के निकट यह गुलदार ट्रेन की चपेट में आकर मारा गया। सुबह की नियमित गश्त के दौरान वन कर्मियों को इसका शव सुसवा कक्ष संख्या 7 में पटरियों पर पड़ा मिला।घटना के बाद वनकर्मी तत्काल इसके शव को मोतीचूर रेंज परिसर में ले गए। जहाँ देर शाम आठ वर्षीय इस नर गुलदार को डॉक्टरों की निगरानी परीक्षण के बाद, पार्क उप निदेशक की मौजूदगी में नष्ट कर दिया गया।
नही रुक रही ट्रेनों की रफ्तार, कब रुकेगी बेगुनाहों की मौत
हरिद्वार-देहरादून- ऋषिकेश रेल मार्ग की बात करे तो यह वन्यजीवों के लिए काल बनता जा रहा है। इस मार्ग पर अब तक कई हाथी,गुलदार व अन्य वन्यजीव ट्रेनो की चपेट में आ कर मारे जा चुके है। हर बार कोई घटना घट जाने के बाद वार्ता व मुकदमे बाजी का दौर चलता है । मगर समय बीतने के साथ ही फिर इस तरह की घटनाएं वन्यजीव संरक्षण के लिए चुनौती बन जाती है।
सघन वन से गुजर रहा रेलमार्ग, इन घटनाओं पर गम्भीर मंथन जरूरी
हरिद्वार – ऋषिकेश- देहरादून रेल मार्ग की बात करें तो यह क्षेत्र सघन वनो का क्षेत्र है और रेलमार्ग इसके बीचो-बीच से गुजरता है। इस रेलमार्ग पर राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर, हरिद्वार ,कांसरो व रामगढ़ रेंज पड़ती है । ऋषिकेश रेलमार्ग का भी कुछ हिस्सा देहरादून वन प्रभाग से हो कर गुजरता है। हर बार वन्यजीवों की मौत के बाद ,उत्तराखंड वन महकमा हरकत में आ कर कार्यवाही करता है। रेलवे के साथ भी वार्ताओं का दौर चलता है। वन महकमे की कई टीमें भी नियमित दिन-रात्रि गस्त करती है मगर वन्यजीवों के मूवमेंट के चलते घटनाए घट ही जाती है। बेगुनाह वन्यजीव तो स्वछंद विचरण करते ही रहेंगे। मगर मॉनिटरिंग करने वाली संस्थाओं को जल्द ही कोई उच्च तकनीक सिस्टम इन रेल ट्रैकों पर लगाना होगा। तभी इन ट्रेनों की चपेट में आने वाले बेगुनाह वन्यजीवों को बचाने में सफलता मिल सकती है।