स्वरुप पुरी /सुनील पाल
राज्य मे इन दिनों बारिश जम कर कहर बरपा रही है।जगह जगह आपदा की सूचना के बाद हर महकमे के अधिकारी व कर्मचारी घर बार भूल आपदा से निपटने के लिए मौक़े पर तैनात है। वंही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रात दिन स्वयं हर परिस्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे है। मगर उनके व मुख्य सचिव के सख्त निर्देशों के बावजूद भी कुछ महकमे चैन की नींद सो रहे है। शुक्रवार को ही टनकपुर मे उफ़नाई बरसाती नदी की एक घटना मे एसडीआरएफ व पुलिस के जवानो ने कई लोगो की जान बचाई। तो वहीं शनिवार को हरिद्वार मे एक वीडिओ ऐसा वायरल हुआ की उसे देखने वाले भी सकते मे आ गए। मामला राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज से जुडा हुआ है। दोपहर हरिद्वार व उसके आसपास के क्षेत्रों मे जम कर बारिश हुई। बारिश इतनी तेज थी की हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग पर चीला रेंज मे स्थित घासीराम नदी उफान पर आ गयी। हर बार इस नदी के उफान पर आते ही वहां तैनात वनकर्मी किसी भी तरह की आवाजही रोक देते है।
उफ़नाई नदी पार करते रहे स्थानीय लोग व कांवड़िये, क्या सो रहे थे रेंज के वनकर्मी
हर वर्ष बारिश के दौरान राजाजी टाइगर रिजर्व अलर्ट मोड मे रहता है। यंहा स्थित बीन, घासीराम, लूनी , रवासन नदिया अक्सर उफ़नाती रहती है। वंही कुछ समय पूर्व खड़खड़ी क्षेत्र मे राजाजी से निकलने वाली सूखी नदी के उफ़नाने से कई वाहन बह गए थे। शनिवार देर शाम बारिश के बाद बरसाती नदी घासीराम उफान पर आ गयी। उफनती नदी मे इस मार्ग से गुजर रहे स्थानीय लोग व शिव भक्त कांवड़िये इसे पार करते रहे। मगर जिम्मेदार वनकर्मी मौके से नदारद रहे। आखिर मुख्यमंत्री के निर्देशों को क्यों ताक मे रखा जा रहा है, क्यों नहीं वन कर्मियों ने इन्हे रोका। केदारनाथ के बाद कल ज़ब टनकपुर मे बरसाती नदी मे वाहन बहने की घटना हुई, तो सभी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व अधिकारियों की त्वरित कार्यवाही देखी। क्या राजाजी के अधिकारी व वन कर्मी इतने लापरवाह है की एक बरसाती नदी उफ़ना जाती है, और वे राहगिरो को भी नहीं रोक सकते। स्थानीय लोग व शिवभक्त कांवड़िये जिस तरह नदी पार कर रहे थे, उस दौरान कोई भी बड़ी घटना घट सकती थी। शुक्र है ऐसा नहीं हुआ मगर इस प्रकरण पर इन बेलगाम वन कर्मियों पर क्या कार्यवाही होंगी यह बड़ा सवाल है।
“मामला मेरे संज्ञान मे नहीं है, ना ही मेरे पास वीडियो आई है, फिलहाल इस विषय को लेकर मै कुछ नहीं कह पाऊँगा।”
महातिम यादव, डिप्टी डायरेक्टर, राजाजी टाइगर रिजर्व।