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नव वर्ष पर रहा जंगलों में कड़ा पहरा, अधिकारियों समेत वनकर्मियों की टीमो ने रखी चप्पे चप्पे पर नजर

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स्वरूप पुरी/सुनील पाल

वर्ष 2024 का आगमन हो चुका है। एक ओर बीती रात जंहा राज्य के सभी नगर व कस्बे रोशनी व जश्न में डूबे हुए थे तो वहीं दूसरी ओर राज्य में मौजूद जंगलों के नजारा कुछ और ही था। पारे की लगातार गिरावट व ठिठुरन के बीच वम कर्मियों की जंगलों की हिफ़ाजत में जुटी हुई थी। प्रदेश के उच्च हिमालयी शिखरों के साथ मैदानों तक यह नजारा आम रहा। 

राजाजी व हरिद्वार वन प्रभाग की टीमो ने की पेट्रोलिंग, अधिकारियों ने किया निरीक्षण

वन्ही नव वर्ष के दौरान हरिद्वार नगर से सटे क्षेत्रों में संकट बन जाता है।जश्न की आड़ में अवांछित प्रवर्ती के लोग वन क्षेत्रों में जश्न की फिराक में रहते है। साथ ही शिकारी प्रवर्ति के लोग भी जंगलों में घुसने के अवसर तलासते है। सबसे बड़ा संकट गंगा तटीय क्षेत्रों में रहता है। इसको देखते हुए हरिद्वार वन प्रभाग की कई टीमें एसडीओ संदीपा शर्मा के नेतृत्व में रात भर पेट्रोलिंग करती रही। इनकी कई टीमो ने चिड़ियापुर,रसियबड़ व श्यामपुर में सघन गस्त की। वंही राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला, मोतीचूर, गोहरी सहित सभी रेंज रात भर सघन गस्त करती रही।

“नव वर्ष के दौरान वन क्षेत्रों में कोई अवैध गतिविधियां न हो इसके लिए रात भर सघन गस्त की गई, चिड़ियापुर से लेकर श्यामपुर तक रात भर विभिन्न स्थानो का निरीक्षण किया गया, वन्ही गंगा तटीय क्षेत्रों में विशेष नजर रखी जा रही है, कोई भी व्यक्ति अगर इन क्षेत्रों में मछलियों का शिकार या वन कानूनों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।”

संदीपा शर्मा, एसडीओ, हरिद्वार वन प्रभाग।

“चीला-गोहरी के संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गस्त की जाती है, इसके अलावा नववर्ष पर विशेष अभियान चलाया गया है, गंगा तटीय क्षेत्रों के साथ ही वन क्षेत्रों में रात भर सघन निगरानी की गई, आगे भी यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। “

आलोकि, वन्यजीव प्रतिपालक,राजाजी।

“उच्चाधिकारियों के निर्देश व उनकी मौजूदगी में मोतीचूर के गंगा तटीय, सॉन्ग, सुसवा व अतिसंवेदनशील छेत्रो में रात भर पेट्रोलिंग की गई, वन्ही हमारे द्वारा रेंज से सटे घनी बस्तियों में भी लगातार सघन मोनिटरिंग की जा रही है किसी भी अवांछित तत्व जो वन कानूनों का उल्लघन करते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ वन कानूनों के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी।”

महेश सेमवाल, वनक्षेत्राधिकारी, मोतीचूर रेंज राजाजी।

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