स्वरूप पुरी/सुनील पाल
हरिद्वार – उत्तराखंड आने वाले वन्य जीव प्रेमी अब एक बार फिर जंगल सफारी का लुफ्त उठा सकेंगे हरिद्वार में आज झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व में स्थित सफारी की शुरुआत हुई है। हर वर्ष बरसात के दौरान जून माह में इस सफारी को बंद कर दिया जाता है और 15 अक्टूबर को इस सफारी की शुरुआत की जाती है। आज वन अधिकारियों ने फीता काटकर इस पर्यटन ट्रैक का शुभारंभ किया। हर वर्ष हजारों की तादाद में सैलानी यहां पहुंचते हैं। वही इस अवसर पर हरिद्वार वन विभाग के एसडीओ साधूलाल पायल और वन क्षेत्र अधिकारी हरीश गैरोला सहित सफारी कारोबार से जुड़े हुए लोग मौजूद रहे। गौरतलाप है कि वर्ष 2005 में झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व की शुरुआत की गई थी, प्राकृतिक दृष्टि से देखें तो इस क्षेत्र में मौजूद दलदली क्षेत्र व पटेरा घास की मौजूदगी के चलते बारासिंघा की यहां पर एक बड़ी संख्या मौजूद है। वहीं क्षेत्र में हाथी, बाघ, गुलदार, भालू सहित हिरणों की बड़ी संख्या भी पर्यटकों को देखने को मिलती है।
“हर वर्ष की भांति इस बार भी आज से इस पर्यटन ट्रैक को शुरू किया गया है, हर बार सैकड़ो की तादाद में पर्यटक यंहा बारहसिंघों का दीदार को पँहुचते है, बरसात के बाद खराब हुए सफारी मार्ग को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया गया है।”
हरीश गैरोला, वन क्षेत्राधिकारी चिड़ियापुर।