पर्यटको से गुलजार राजाजी, लगातार हो रहे बाघो के दीदार

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    स्वरुप पुरी /सुनील पाल 

    पंद्रह नवंबर को राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी गेट पांच माह की वार्षिक बंदी के बाद पर्यटको के लिए खोल दिए गए थे। यह वर्ष पर्यटन के लिहाज से अब तक बेहतर मना जा रहा है। आज भी यहां पहुंचने वाले पर्यटको को एक बार फिर टाइगर देखने को मिला। पार्क की चीला रेंज में पर्यटक जब मुंढाल छेत्र से गुजर रहे थे उसी दौरान उन्हें बाघ नजर आया। इसको लेकर पर्यटक बेहद उत्साहित नजर आये। गौरतलब है की चीला रेंज प्रोजेक्ट एलिफैंट के लिए भी जानी जाती है। मगर बीते कुछ वर्षो में यहां बाघो का कुनबा भी तेजी से बड़ा है। उम्मीद है की इस पर्यटन सीजन में अन्य पर्यटक भी बाघो का दीदार कर सकेंगे।

    बारहसिंघो की शरणस्थली में टाइगर की दस्तक, हरिद्वार वन प्रभाग ने निगरानी बढ़ाई 

    राजाजी में बाघ लगातार अपना कुनबा बड़ा रहे है। धीरे धीरे ये बाघ अब हरिद्वार वन प्रभाग की विभिन्न रेंजो में अपनी दस्तक देने लगे है। बीते कुछ वर्षो से लगातार इनकी आमद चिड़ियापुर रेंज में देखी जा रही है। वहीं इस छेत्र में मौजूद विश्व विख्यात झिलमिल झील के पर्यटक ट्रैक व आसपास के छेत्रो में बाघो की चहल कदमी पर्यावरण के लिहाज से बेहतर संकेत है। यह छेत्र लुप्तप्राय बारहसिंघो के संरक्षण को लेकर विख्यात है, उम्मीद है की जल्द ही यहां भी बाघो के कुनबे व उनकी दहाड़ सुनाई देगी।

    “झिलमिल झील ट्रेक पर भी टाइगर की साइटिंग हो रही है, ये टाइगर राजाजी टाइगर रिजर्व से झिलमिल झील पहुँचते है, इसको लेकर सुरक्षा के मद्देनज़र निगरनी बढ़ा दी गई है।”

    हरीश गैरोला, रेंज अधिकारी चिड़ियापुर।

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