Home उत्तराखंड गुलदार के आतंक के बीच क, ख, ग की पाठशाला, जिम्मेदार सो...

गुलदार के आतंक के बीच क, ख, ग की पाठशाला, जिम्मेदार सो रहे चैन की नींद

334
0

स्वरूप पुरी/सुनील पाल

हरिद्वार – राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार की दहशत व आतंक की घटनाएं तो आपने रोज सुनी होंगी। मगर मैदानी क्षेत्रों में भी इनका आतंक कम नही है। बीते कुछ वर्ष पूर्व रायवाला का नरभक्षी गुलादर हो या फिर वर्तमान में यूपी के बिजनौर का आदमखोर गुलादर ,घटना हर जगह घट रही है। वन्ही अब हरिद्वार में भी एक बार फिर गुलादर को लेकर दहशत का माहौल है। ऐसा ही एक वाक्या आज हरिद्वार में भी हुआ। जहाँ भेल के सेक्टर 1 में स्थित प्राइमरी स्कूल के बच्चे जब क, ख, ग का इमला पड़ रहे थे, तो उसी दौरान बच्चो को दीवार पर गुलादर बैठा नजर आया। जिसको देख नन्ही जानो द्वारा शोर मचाए जाने से गुरुओं के भी होश उड़ गए। गुलादर को देख तत्काल सभी बच्चों की क्लास रूम के दरवाजे बंद कर दिए गए। सहायक प्रधानाचार्य सुनिता रानी द्वारा वन महकमे और पुलिस को इसकी सूचना दी गयी। वन महकमे की टीम के आने से पहले ही यह गुलदार दिवार से कूद कर भाग गया। टीम ने मौके पर पहुंच कर पटाखे फोड़ कर सर्च अभियान भी चलाया।

वर्षो से है गुलादर का पसंदीदा क्षेत्र, भेल मे राजाजी की सीमा पर बने खंडहर दे रहे हादसे को न्योता

गौरतलब है कि भेल ओर सिडकुल का यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से सटा हुआ है। वन्ही हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा यंहा पर लगातार मोनिटरिंग भी की जाती है। पिछले कुछ वर्षो में वन्यजीवो की चहलकदमी इस क्षेत्र में बढ़ी है। मगर इस क्षेत्र में मौजूद खंडहरों व झाड़ झंकारों को हटाना के प्रयास कम ही नजर आए है। ऐसे में गुलदारों के लिए इस स्थान पर आना लगातार बना रहता है। इसको लेकर क्षेत्र में तैनात जिम्मेदारों को कोई कदम उठाना होगा।

“कुछ बच्चों की गेम्स क्लास थी मै उन बच्चों को गेम खिला रही थी उसी दौरान क्लास के अंदर बैठे बच्चों ने खिड़की से गुलदार को देख शोर मचाना शुरू कर दिया, हमने तुरंत सभी बच्चों को क्लास रूम मे बंद कर दिया, फिर मैंने भी पीछे जाकर देखा तो गुलदार दीवार पर चहल कदमी कर रहा था, मैंने इसकी सूचना पुलिस और वन महकमे को दी।”

सुनीता रानी, सहायक प्रधानाचार्य।

“सूचना मिलते ही टीम को मौके पर भेजा गया था, गुलदार वहां से जा चुका था, स्कूल की बाउंड्री के पास काफ़ी झाड झंकार के साथ कई खंडर भवन भी है, इसको व्यवस्थित करने को लेकर भेल प्रशासन को पत्र लिखा जायेगा।”

संदीपा शर्मा, एसडीओ हरिद्वार वन प्रभाग।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here