स्वरूप पुरी/सुनील पाल
देश के ऑक्सीजन डिपो के रूप में विख्यात उत्तराखंड वन महकमा अपने ही सिपहसलारों से परेशान है। हर वर्ष ट्रांसफर पोस्टिंग के दौर में होने वाली उठापठक कई सवाल खड़े करती है । ट्रांसफर पोस्टिंग के महीने में मनपसंद स्थानों की चाहत में हजारों आवेदन व जुगाड़बाजी से उच्चाधिकारी भी परेशान रहते है। इनमें कई ऐसे भी है जो महज एक वर्ष की पोस्टिंग के भीतर ही अपना ट्रांसफर करवा लेते है। वन महकमे ने कुछ कर्तव्यनिस्था से कार्य करने वालो के ट्रांसफर किये । जब से ये ट्रांसफर हुए तब से ही यह चर्चा बना हुआ है। आखिर ऐसी कौन सी मजबूरियां थी जो चंद समय के भीतर ही अपनी परेशानियों को जता ट्रान्सफर आवेदन कर दिया गया। सूत्रों की माने तो इस वर्ष सबसे ज्यादा आवेदन लोवर लेवल के वनकर्मियों ने दिये। आखिर इन आवेदनों के पीछे की वजह क्या है।
रेंज स्तर पर कड़क अधिकारियों से परेशान लोगो ने की ट्रांसफर की मांग
राज्य वन महकमे में तैनात अधिकारियों की कड़क शैली से अधिकतर वो वनकर्मी परेशान है जो कार्य नही करना चाहते। कड़क अधिकारियों के चलते अधिकतर लोगों की दुकानें ठप्प हो चुकी है। ऐसे में काम के प्रति लापरवाही , अवैध उगाही की चाह रखने वाले जुगाड़बाजी के चलते अपनी पोस्टिंग तो करवा रहे है, मगर कब तक।