सचिन कुमार
हरिद्वार ( लक्सर ) – उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रविवार को लक्सर पहुंचे जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हरीश रावत ने लक्सर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार से तुरंत पानी के निकासी के प्रबंध करने की मांग की।
हरीश रावत लक्सर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर निकले थे। लक्सर के बालावाली तिराहे पर मीडिया से बातचीत के दौरान हरीश रावत ने कहा कि इस समय लक्सर क्षेत्र में हालात बेहद चिंताजनक है। चारों तरफ जलभराव की स्थिति बनी हुई है। चारों तरफ भयंकर दुर्गंध आ रही है, जिससे आने वाले समय में भयंकर बीमारियां फैलने का खतरा भी बन गया है। उनकी मांग है कि सरकार सबसे पहले पानी निकासी की व्यवस्था करें ताकि लोगों को थोड़ी राहत मिल सके। हरीश रावत ने कहा कि इस भीषण बाढ़ से लक्सर ही नहीं रुड़की क्षेत्र में भी भयंकर तबाही हुई है। वह मांग करते हैं कि सरकार तुरंत बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक सहायता की व्यवस्था करें।
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बरसात से पहले तटबंधों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया था और मरम्मत न होने से तटबंध टूट गए जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा। हरीश रावत ने कहा कि जब वह सत्ता में थे तब समय-समय पर तटबंधों का निरीक्षण कर उनकी मरम्मत कराते थे लेकिन वर्तमान सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया।
हरीश रावत ने सरकार से नई मुआवजा नीति के तहत लोगों को मुआवजा देने की मांग की और कहा कि उन्होंने साल 2014 में को नीति बनाई थी उसमें अब परिवर्तन होना चाहिए क्योंकि साल 2014 और वर्तमान के दौर में काफी कुछ बदल गया है। बस वह केवल यह मांग करते हैं कि सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से भी बाढ़ पीड़ितों की आर्थिक सहायता करें ताकि लोगों को थोड़ी राहत तो मिल सके।