स्वरूप पूरी/सुनील पाल
मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के वन महकमा चाहे जितने भी दावे करें ,मगर धरातल पर यह सारे दावे कागजो पर ही नजर आते हैं। वर्तमान में देखें तो वन्यजीवों का आतंक इतना ज्यादा है कि वन महकमे के तमाम प्रयासों के बावजूद भी बेगुनाह लोग अपनी जान गवाने को मजबूर है। ऐसा ही एक आफत इन दिनों उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में आई हुई है। उत्तराखंड की सीमा से सटे बिजनौर जिले में एक गुलदार ने अपना आतंक मचा हुआ है । बिजनौर के कोतवाली देहात में बुधवार को एक बार फिर गुलदार ने एक बुजुर्ग को अपना निवाला बना दिया। बताया जा रहा है की 60 वर्षीय ब्रह्मपाल जब जंगल में अपने पशुओं के लिए चारा लेने गया तो उसी वक्त घात लगाए बैठे गुलदार ने उसे अपना निवाला बना लिया वो सिकन्दर पुर गॉव का रहने वाला था। इससे पहले भी सोमवार को रेहड़ क्षेत्र में एक युवती गुलदार के हमले में मारी गयी थी।
गुलदार बना आदमखोर, आज किया 13 वां शिकार
उत्तराखंड की बात करे तो अक्सर यह प्रदेश गुलदारों के आतंक से दो चार होता रहता है। बीते कुछ वर्षों पूर्व मोतीचूर के नरभक्षी गुलदार ने तीस से ज्यादा लोगो को अपना शिकार बनाया था। वहीं अब राज्य की सीमा से सटे यूपी के बिजनौर में एक ओर आदमखोर की सक्रियता मानवों के लिए संकट बन गयी है। सूत्रों की माने तो आज इसने तेरहवाँ शिकार किया है। समस्या विकट है। बढ़ती आबादी व शिकार की कमी इस समस्या की प्रमुख जड़ है जल्द ही यूपी वन प्रभाग को इसे ट्रैप करना होगा।