स्वरूप पुरी/सुनील पाल
ग्लोबल टाइगर डे के अवसर पर उत्तराखंड राज्य के लिए खुशियां लेकर आई है । पिछले 5 दशकों से बाघों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर जो प्रयास धरातल पर किए जा रहे थे ,उसके बेहतर परिणाम अब सामने नजर आ रहे हैं । राज्य में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है । वन महकमे की तमाम योजनाएं व बाघों के संरक्षण के लिए किए जा रहे धरातलीय कार्य के चलते आज गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है । कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आयोजित ग्लोबल टाइगर डे कार्यक्रम के अवसर पर देशभर में बाघों के लिए किए जा रहे कार्य योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई । इस कार्यक्रम में देश में मौजूद सभी टाइगर रिजर्व के निदेशकों ने भाग लिया । उत्तराखंड के लिहाज से देखें तो वर्ष 2018 की गणना में राज्य में 442 बाघ थे । वर्तमान में अब इनकी संख्या 560 हो गई है ।
कॉर्बेट के साथ राजाजी में भी बड़े बाघ
रामनगर स्थित जिम कॉर्बेट में वर्तमान में 260 बाघ मौजूद है। वर्ष 2018 में यंहा बाघों की संख्या 231 थी। वन्ही राजाजी टाइगर रिजर्व में भी बाघों की संख्या में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी देखने को मिली है। वर्ष 2018 की गणना में यंहा 38 बाघ पाए गए थे । वर्तमान में इनकी संख्या 54 हो गयी है। वन्ही राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों को लेकर चल रहे ट्रांसलोकेसन कार्य भी भविष्य में कारगर साबित होंगे। उम्मीद है कि जल्द ही पार्क की मोतीचूर व उससे सटे क्षेत्रों में भी बाघों के कुनबा तेजी से बढ़ेगा।
“राजाजी में बाघों की संख्या बढ़ना खुशी की बात है, सभी वन कर्मियों के कठिन परिश्रम व धरातल पर किये जा रहे कार्यो से बाघ यंहा स्वछंद विचरण कर अपना कुनबा बड़ा रहे है, उम्मीद है कि भविष्य में बाघों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए धरातल पर किये जा रहे कार्य और बेहतर परिणाम देंगे।”
साकेत बडोला, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व।