देहरादून – देवभूमि उत्तराखंड के समस्त पशुओं को लंपी जैसे खतरनाक वायरस से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने पिछले वर्ष से बेहतरीन कार्य किया है। लंपी से राज्य की लड़ाई में सौरभ बहुगुणा, पशुपालन मंत्री होने के नाते सबसे महत्वपूर्ण कड़ी रहे। समय समय पर बैठकें, टीकाकरण आदि प्रभावी कदमों से यह लड़ाई आसान हो सकी। इधर, एक बार फिर मंत्री बहुगुणा त्वचा रोग को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
देहरादून में सोमवार को उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री, सौरभ बहुगुणा ने विभाग के अधिकारियों, समस्त जनपदों के अधिकारियों, सीईओ आदि के साथ लंपी त्वचा रोग की रोकथाम और इससे निपटने की तैयारी जैसे विषयों को लेकर एक समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्य रूप से कैबिनेट मंत्री ने टीकाकरण के संबंध में जरूरी निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख रूप से विभागीय सचिव बीआर पुरुषोत्तम, निदेशक बीसी कर्नाटक उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि विगत वर्ष, उत्तराखंड ने पशुओं के टीकाकरण में भी कीर्तिमान स्थापित किया था। रिकॉर्ड टीकाकरण से ही कई पशुओं को समय से बचाया जा सका था। आपको बता दें कि वर्तमान में अन्य जिलों के मुकाबले नैनीताल जनपद में इस रोग के अधिक मामले हैं। ऐसे में कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने उधमसिंह नगर जिले की टीम के कुछ सदस्यों को नैनीताल स्थानांतरित करने के संबंध में भी निर्देश दिए।
बता दें कि लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है। संक्रमित पशु को बुखार आना, वजन में कमी, आंखों से पानी, लार बहना, शरीर पर दाने निकलना, दूध कम देना, भूख न लगाना…इसके मुख्य लक्षण हैं।
चिकित्सकों की मानें तो यह बीमारी होने पर संक्रमित पशु को अलग करना और उनके रहने के स्थान को नियमित साफ रखना बेहद आवश्यक है। साथ ही टीकाकरण कराना और पशु चिकित्सक से निरंतर परामर्श लेना भी अनिवार्य है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा एक बार फिर समय से सक्रिय होकर अपनी कार्य कुशलता का उदाहरण दे रहे हैं। यही एक मुख्य कारण भी है कि एक मंत्री के रूप में उन्हें हर उम्र के लोग पसंद करते हैं।